STORYMIRROR

Kajal Pandit

Romance

3  

Kajal Pandit

Romance

मैं हूं न

मैं हूं न

1 min
276

पता है तुम्हें,

कभी-कभी सोचती हूं,

काश ! ऐसा होता

ये जो कंधे पे इतनी जिम्मेदारियां हैं न,

जब अकेली पड़ जाती मैं कभी,

और पीछे से आकर,

धीरे से मेरे कंधे पे हल्की सी थपकी देकर,

तुम कहते,

मैं हूं न ....!!!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance