तुम
तुम
"माइग्रेन पेन" की तरह हो गए हो तुम,
जब भी आते हो,
ख्वाबों में,
बेशुमार दर्द दे कर जाते हो तुम,
परछाईं बन गए हो तुम,
जब भी छूने की कोशिश करती हूँ,
दगा दे जाते हो तुम,
कभी कुछ,
कभी कुछ,
कहते थे तुम,
कितने रंग बदलते थे तुम,
बारिश बन गए हो तुम,
जब भी याद आते हो,
आंसूओं से भीगा जाते हो तुम,
जितना तुमसे दूर जाना चाहूँ,
उतने करीब आते हो तुम !!

