वो मैं हूं
वो मैं हूं
झूठी हंसी के पीछे
का जो दर्द है
वो मैं हूं
बहते आंसुओं को रोक कर
अंदर घुंट जाना
वो मैं हूं
जब हवा बहकर
दूसरी गली से गुजर जाती है
पीछे छूटी हुई गली
वो मैं हूं
बादल का बनना
और फिर बारिश का होना
बारिश की आखिर बुंद
वो मैं हूं
तेरी नाराजगी के
पीछे की खामोशी
वो मैं हूं।

