मैं भारत हूँ!
मैं भारत हूँ!
भारत हूं !भारत की
आधारशिला बलिदानी है
लोहू से इतिहास लिखा
वीरों की अमर कहानी है,
मैं भारत हूं ! मेरा नाता,
हठधर्मी से गहरा है
मैं मजहब से घिरा हुआ हूं
भीड़ तंत्र का पहरा है,
मैं भारत हूं ! लोकतंत्र की
परिभाषा का ज्ञान नहीं
लोकतंत्र ऐसा होता है
मुझको था अनुमान नहीं,
मैं भारत हूं ! लोकतंत्र
नीलामी से शर्मिंदा हूं,
मैं मजहब से जूझ रहा हूं
आंशू पीकर जिंदा हूं ! !
मैं भारत हूं ! सैंतालीस के
घाव अभी तक भरे नहीं
मज़हब की पगडंडी वाले
दाव अभी तक मरे नहीं,
मैं
भारत हूं ! खूनी होली
रोज खेलनी पड़ती है
मुझको गोली की बौछारें
रोज झेलनी पड़ती हैं,
मैं भारत हूं ! हिज्बुल, लश्कर से
सीना टकराता हूं
किन्तु घर में मजहब की
शमशीरों से मर जाता हूं,
मैं भारत हूं ! प्राक् काल से
धर्म मेरी पहचान रहा,
इतिहास लिखा शमशीरों ने
किन्तु मजहब बलवान रहा,
मैं भारत हूं ! खून की भाषा
मुझे बोलना आता है
शमशीरों से ' सरपंचों ' को
मुझे तौलना आता है,
लेकिन बुद्ध वचन से बंधकर
मैं अशोक बन जाता हूं !
इसीलिए मैं इतिहासों में
विश्व गुरु कहलाता हूं।