मातृशक्ति
मातृशक्ति
हे मां शक्ति आप मूर्ति नहीं इंसान हो,
घर घर में आप पाई जाती हो ,
हर मां के स्पर्श में तुम्हारी ही अनुभूति और तुम्हारे होने का एहसास है।
हे मातृशक्ति आप मूर्ति नहीं इंसान हो,
कभी तो आंचल की छाया देती, कभी तो ढाल बनकर बुुरे लोगों से रक्षा करती हो।
हे मातृशक्ति आप मूर्ति नहीं इंसान हो,
धरती पर मां बनकर कभी तो सहन शक्ति की प्रकाष्ठा दिखाती।
हे मातृशक्ति आप मूर्ति नहीं इंसान हो,
अपने बच्चे के लिए कभी मां नर्स, कभी डॉक्टर, कभी वकील बन जाती।
हे मातृशक्ति आप मूर्ति नहीं इंसान हो,
कभी राह भटकी हुई, संतान को राह दिखाती, और कभी उसको राह पर चलना सिखाती।
हे मातृशक्ति आप मूर्ति नहीं इंसान हो,
अपने बच्चों के दुख के आंसू खुद सह जाती
और बच्चों की आंखों में आंसू ना आने देती हो।
हे मातृशक्ति आप मूर्ति नहीं इंसान हो,
हे मां शक्ति इस संसार में हर माँ केेेे अंदर आप ही समाई हो, बारंबार प्रणाम आपको मां बनकर इंसान रूप में घर-घर में आप आई हो 🙏🙏।
