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Brijlala Rohanअन्वेषी

Tragedy Classics Inspirational

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Brijlala Rohanअन्वेषी

Tragedy Classics Inspirational

मानवता के अवतारी

मानवता के अवतारी

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माँ पार्वती, पिता हरख की

जोड़ी ये साधारण मनुज नहीं !

मानवता के अवतारी हैं।

मनुज रूप में ये परोपकारी अवतारी है।


दयालुता की सवारी है।

निज हित से ऊपर उठकर परहित हेतु

अपना जीवन समर्पित किया।


ऊँच-नीच का भेद मिटाकर

सबको साथ लेकर जीना सिखाया।

भेद न कभी जाति-पाति का किया,

न ही धर्म की राजनीतिक प्रपंच रची ! 


चाहे वो अपनी जाति का हो या हो पराया !

उन्होंने समझा सदा सबको अपना।

आलोचक जरा ये बताएँ,

क्या चाँद में कलुषित कलाएँ नहीं होती !


फिर भी ये तो मनुज अवतारी हैं।

विकास की लिखेंगे फिर से इबादत !

सदा कुछ अच्छा करना

बन गई है हमारी आदता।


ये बस समय की बलिहारी है।

देखते जाओ तुम आगे अपनी बारी है।

भलाई की ही सवारी है।


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