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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Tragedy Crime

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Tragedy Crime

मानवता का दुश्मन

मानवता का दुश्मन

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आतंक का जाति धर्म से

कोई संबंध नहीं आतंक सिर्फ

छद्म धोखे फरेब मौत मतलब व्यवसाय।।


धर्म व्यापार मानव व्यापारी धर्म के नाम पर

मानव अंधा बन गया क्रूरता की हर सीमा करता पार।। 


तंग मानसिकता का मानव हत्या हत्यारा

पर्याय उग्रता उर्वरा मानव

मन मस्तिष्क पर प्रभाव प्रहार।।।   


भावनात्मक कमजोरी धर्म उग्रवाद की

खेती उग्र उग्रता का नर भक्षी पिशाच।।


धर्म खुदा कुरान जन्नत की बहत्तर

हूरों का ख्वाब खुदा की रहमत की

बरसात।।                 


किशोर नौजवान का भटकाव सरफरोशी का भाव

युवा हाथ में पत्थर अपने ही अपनो के खून सने हाथ।।


बम बन जाते धर्म खुदा के नाम

पर रक्तरंजित वर्तमान कर जात आतंक

कलंक दर्द दहशत संशय समय की चीत्कार।। 


खौफ का मंजर आतंक से विश्व मानव खून से लथपथ है

विश्व मानवता लज्जित उनके ही कोख से आतंकी

प्रादुर्भाव।।


आतंक की भेंट चढ़ जाते कितनी ही

जवानी में वेवा आतंक की आग जिंदा ही मर जाते।।


आतंक घृणा द्वेष दम्भ की धरातल

पर मानवीय मूल्यों को करता तार

तार शांत शौम्य समाज में करता नंगा

नाच।।



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