अबॉर्शन - एक विकृत सोच का....?! अबॉर्शन - एक विकृत सोच का....?!
और सबसे बड़ी बात इक और आसिफा को मरते ना देखता। और सबसे बड़ी बात इक और आसिफा को मरते ना देखता।
घर में ही जयचंद छिपे हैं , गद्दारों को पहचानो । घर में ही जयचंद छिपे हैं , गद्दारों को पहचानो ।
कभी मन का तो कभी तन का ऐसे ही मरती रही है लड़की। कभी मन का तो कभी तन का ऐसे ही मरती रही है लड़की।
विकलांगता, ईश्वर प्रदत्त, जिसमे नही इंसान का दोष। विकलांगता, ईश्वर प्रदत्त, जिसमे नही इंसान का दोष।
सच्चाई सामने आते ही बहु के सामने शर्म से लज्जित हो जाता है फिर भी नहीं शर्म आता है। सच्चाई सामने आते ही बहु के सामने शर्म से लज्जित हो जाता है फिर भी नहीं शर्म ...