STORYMIRROR

Kanchan Prabha

Abstract Tragedy Crime

4  

Kanchan Prabha

Abstract Tragedy Crime

हर लड़की की व्यथा

हर लड़की की व्यथा

1 min
183

व्यथा बताऊँ मैं आज यहाँ

 हरेक लड़की की।

जो है कुछ ऐसी

जो है कुछ अलग


लड़की शोषित हुई जरूर

जीवन में कभी ना कभी

मनोबल तोड़ा है सब ने

जीवन मे कहीं ना कहीं


कभी अपनो ने कभी परायों ने

बहुत टूटी है लड़की

कभी घर में तो कभी बाजार में

खुद से ही लज्जित हुई है।


कुछ बिखरी तो कुछ सम्भ्ली

आत्महत्या करती रही है।

कभी मन का तो कभी तन का

ऐसे ही मरती रही है लड़की।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract