एक का सम्मान दूसरे का अपमान
एक का सम्मान दूसरे का अपमान
खाना बहु से बनवाकर बेटी के नाम का
गाना गाया जाता है यही ससुराल की गाथा है।
बहु कोई अच्छा काम कर दे लड़की का नाम लेकर
उसकी बड़ाई का गाना गाया जाता है यही ससुराल की गाथा है।
तुलना के सागर में डुबकी लगाते लगाते
इंसान निराश हो जाता है कितना भी अच्छा करने के बाद भी
सम्मान नहीं पाता है यह ससुराल की गाथा है।
वहां उनकी लड़कियों का हाल भी ऐसा ही हो जाता है
यह ना जाने समाज की कैसी माया है ।
लड़कियों की तारीफ में पुल बांधते इंसान खुद ही फंस जाता है
झूठ का पलड़ा एक दिन फट जाता है
सच्चाई सामने आते ही बहु के सामने शर्म से लज्जित हो जाते
फिर भी नहीं शर्माते है |
ना जाने क्यों लोग इतना झूठ बोलकर अपमान कमाते हैं
फिर क्यों सम्मान के लिए कार्य करते हुए अपमान पाते हैं ।
झूठ के सागर में डूबते ही चले जाते हैं एक झूठ को छुपाने के लिए
बार-बार झूठ कहते जाते हैं
अपनी लड़की को महान बताने के लिए दूसरे की घर की लड़की को
गिराते हैं और समाज में भी यह सम्मान नहीं पाते हैं
दूसरों का सम्मान गिराते गिराते खुद ही गिर जाते हैं
सम्मान की रचाये अपमान से ही मुंह छुपाते हैं
अपमान किसी का ना कीजिए अपने को बड़ा मान
झूठ सम्मान नहीं दिलाएगा यह तो झूठ के बनाए गड्ढे में झूठ बोलने वाले क़ो उसी गड्ढा मे गिराएगा |
