मानव जीवन
मानव जीवन
मानव जीवन निरुद्देश्य नहीं,
इस सच को तुम समझ जाओ।
मेहनत हिम्मत लगन से काम करो,
और अपना जीवन सफल बनाओ।
लो संकल्प अपने इस जीवन में,
नहीं कभी विचलित होगे।
सत्य न्याय के लिए अनवरत पथिक
तुम कर्म पथ पर आगे बढ़ोगे।
हो जीवन सार्थक तभी जब वह,
काम दूसरों के आये।
हर मुश्किल में हल बनकर वो सदा,
ख़ुशियाँ दूसरों की लौटाये।
जीवन पथ पर बढ़ो निरंतर,
अपनी पहचान बना जाओ।
जग में ऊँचा उठकर तुम
तिमिर सदा ही दूर भगाओ।
मानव जीवन साकार करो तुम,
काम ऐसे कर जाओ।
हर भूखे को दे दो निवाला सदा,
हर गरीब का दर्द मिटाओ।