मांशैलेन्द्र गौड़
मांशैलेन्द्र गौड़
सुन मेरी मां सुन मेरी मइया , तेरे रिश्ते अनमोल हैं !
सभी घरों में प्यार दुलार तेरे मीठे-मीठे बोल हैं !
मिलता सुकून मां तेरे आंचल में ममता की सागर
हे मां मेरी क्षमा करो, तेरा बेटा बकलोल है !
मां की ममता का मैं कर ना सकूं बखान!
मां से बढ़कर कोई नहीं सोचें देके ध्यान !
हर दुख बालक की हंसके सह लेती है मां
हंसमुख चेहरा मां का गाऐ लोरी गान !
उंगली पकड़ के चलना सिखाती मां !
हमें अच्छे बूरे का ज्ञान कराती मां !
ममतामई मां मेरी करती बहुत प्यार
कजरा लगाती हमको सजाती मां !
