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शैलेन्द्र गौड़ कवि

Children

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शैलेन्द्र गौड़ कवि

Children

मांशैलेन्द्र गौड़

मांशैलेन्द्र गौड़

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सुन मेरी मां सुन मेरी मइया , तेरे रिश्ते अनमोल हैं !

सभी घरों में प्यार दुलार तेरे मीठे-मीठे बोल हैं !

मिलता सुकून मां तेरे आंचल में ममता की सागर 

हे मां मेरी क्षमा करो, तेरा बेटा बकलोल है !


मां की ममता का मैं कर ना सकूं बखान!

मां से बढ़कर कोई नहीं सोचें देके ध्यान !

हर दुख बालक की हंसके सह लेती है मां

हंसमुख चेहरा मां का गाऐ लोरी गान !


उंगली पकड़ के चलना सिखाती मां !

हमें अच्छे बूरे का ज्ञान कराती मां !

ममतामई मां मेरी करती बहुत प्यार

कजरा लगाती हमको सजाती मां !


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