STORYMIRROR

शैलेन्द्र गौड़ कवि

Inspirational Others

3  

शैलेन्द्र गौड़ कवि

Inspirational Others

दर्द

दर्द

1 min
198


दर्द छुपाए फिरता हूं, आजकल सीने में!

आदत है बड़ी ख़राब, लगा रहा पीने में!!

फेफड़े गुर्दे कहने लगे अब रूक जा साथी

तकलीफों में गुजरती जिंदगी जीने में!!!


गुजरती सुबह-शाम तुम्हारी मयखाने में!

हार गए घर परिवार साथी तुम्हें समझाने में!!

व्यर्थ ना गंवाओ ऐ मानव रूपी पिंजड़ा..

कंगाली आ जाएगी शहंशाही दिखाने में!!!




Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational