माँ
माँ
मांगने पर जहां पूरी हर मन्नत होती है
तेरे पैरों में ही तो पूरी जन्नत होती है
आपसे रिश्ता कुछ ऐसा बनाया
जिसको निगाहों पे बिठाया जाये
रहे उनका मेरा रिश्ता कुछ ऐसा
की वो अगर उदास हो तो
हमसे भी मुस्कुराया न जाये।।
वो तो जन्नत की फूल है
प्यार करने का अलग ही उसूल है
दुनिया की लाख मोहब्बत फ़िजूल है
उनकी हर दुआ जो कबूल है
आखिर नाराज़ करना इंसान तेरी सबसे बड़ी भूल है
उनकी कदमों की मिट्टी जन्नत की धूल जो है।।
हर रिश्ते में मिलावट देखी
कच्चे रंगों की सजावट देखी
लेकिन सालों साल देखे उस माँ को मैने
न कभी चेहरे पे थकावट
न ही ममता में मिलावट देखी।।
अगर मौका मिले मांग लूँ दुआ उस रब से मैं
भले ही ये जहां फिर से न दे
भले ही मुझे मेरी ख़ुशियाँ न दे
बस दौलत शोहरत पे मुझे मेरी माँ दे दे।।
