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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

"मां"

"मां"

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जीवन में सबसे पवित्र एक ही नाम

वो है, मां रूपी ईश्वरीय पवित्र कलाम

जिसके श्री चरणों में है, चारों ही धाम

मां को करो सब कोटि-कोटि प्रणाम


जिसने गर्भ में 9 माह दिया, विश्राम,

मां ही खुदा, मां ही है, मेरा तो भगवान

एक दिन क्या मनाऊं, मातृत्व दिवस

मेरी तो समर्पित हर सुबह और शाम


मां के जैसा कोई नहीं होता है, दूजा

मां-बापू सिवा, हर रिश्ता है, खरबूजा

मेरा तो मां ही मंदिर, मां ही मेरी पूजा

संतान हेतु, मां शब्द फ़लक से ऊंचा


माता-पिता का आदर करो, श्रीमान

चेहरे पर रहेगी नित, आपके मुस्कान

मां शब्द का जो जिह्वा करे, गुणगान

उसकी बदकिस्मती का सुधरे जहान


आओ नित मां-पिता को करे, प्रणाम

जिंदगी में बुरे दिन भी होंगे, सुभान

सर पर अगर हो, मां का आशीर्वाद

शूल भी देंगे फिर तो फूल पहचान



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