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Hemant Kumar Saxena

Abstract Inspirational

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Hemant Kumar Saxena

Abstract Inspirational

मां

मां

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मैं चाहे चांद को भी छू लूं,

तो भी नाम मां का ही आयेगा,

ये दिल मेरा मां की आंखों का तारा है,

मैं गीता भी लिख दूं तो गीत मां का ही गायेगा,


अपने आंसुओं से पाला है मां ने मुझे,

पिता के कहर से निकाला है मां ने मुझे,


तुम्हें कैसे बताऊं ऐ दुनिया वालों,

दिया हर मुंह का निवाला है मां ने मुझे,


मेरी मां कहती है बेटा,

हर बहन को बहन मां को मां कहना,

अगर मां डांट भी दे तो मुंह से ना हां कहना,


बड़ी किस्मत से मिलती है मां दुनिया में,

अगर मां पहचाननी है तो जिनकी मां नहीं होती,

तुम एक दिन वहां रहना..



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