मंदिर,मस्जिद, गुरुद्वारा और अस्पताल बह गये। मंदिर,मस्जिद, गुरुद्वारा और अस्पताल बह गये।
क्या कसूर था उनका जिन्हें अपनी जान गँवानी पड़ी क्या कसूर है उनका जो भूख से तड़प रहे क्या कसूर था उनका जिन्हें अपनी जान गँवानी पड़ी क्या कसूर है उनका जो भू...
जिंदगी खर-पतवार ख्वाहिशें चने की झार सोचो तो सब से सरोकार वरना सब है बेकार।। जिंदगी खर-पतवार ख्वाहिशें चने की झार सोचो तो सब से सरोकार वरना सब है बे...
अपने आंसुओं से पाला है मां ने मुझे, पिता के कहर से निकाला है मां ने मुझे, अपने आंसुओं से पाला है मां ने मुझे, पिता के कहर से निकाला है मां ने मुझे,
तीर की तरह शब्द गहरे घाव करते हैं। तीर की तरह शब्द गहरे घाव करते हैं।