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Sambardhana Dikshit

Inspirational

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Sambardhana Dikshit

Inspirational

मां

मां

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नन्ही-सी इस जान को 

तूने है संवारा मां ‌

छोटे - से इस दिल को

तूने धड़कना सिखाया मां ।

बेढंगी बातों को

तूने मतलब दिया मां ।

मेरे शोर को 

तूने आवाज़ बनाया मां ।

मेरे शब्दों को 

तूने मतलब की माला में पिरोया मां ।

मुझ अज्ञानी मूढ़ को 

तूने 'मां' शब्द से मिलाया मां । 

लड़खड़ाते मेरे कदमों को

तूने संभाला मां ।

नींद भरी आंखों को मेरी

तूने लोरी वाली गोदी में सुलाया मां ।

रोने वाली आवाज़ को 

तूने हंसी की गूंज में बदला मां ।

ज्ञान का पहला अक्षर 

तूने मुझे सिखाया मां ।

मेरी पहली शिक्षक बन

तूने जीवन का पाठ पढ़ाया मां ।

बढ़ते पड़ाव के हर क्षेत्र में

तूने साथ दिया मां ।

बहुत कुछ खोकर

तूने मुझे काबिल बनाया मां ।

त्याग कर सारे अरमान अपने

तूने मेरे अरमानों को पंख दिए मां ।

छिपा के अपने आंसू

तूने मेरी हंसी में हसीं भरी मां ।

भूला के अपना ग़म 

तूने मुझे हंसना सिखाया मां ।

बहुत कुछ सुनना पड़ा तुझे पर 

तूने कभी मेरा हौंसला कम न होने दिया मां ।

बैरागी इस दुनिया में

तूने सुंदर राग से जीवन को सजाया मां ।

अपराध भरे इस दौर में

तूने ढाल बन मुझे बचाया मां ।

उलझन अंदर की हो या बाहर की 

तूने खामोशी से भी सुलझाया मां ।

ख्वाहिश दिल ने की कभी कुछ

तूने उसे हकीकत में हमेशा बदला मां ।

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p>भयानक व डरावनी नज़रों से

तूने हमेशा लड़ना सिखाया मां ।

अभिमान और स्वाभिमान की दौड़ में

तूने स्वाभिमान से रहना सिखाया मां ।

जीवन में छाए कभी काले बादल तो 

तूने चुटकियों में बादलों को हवा किया मां ।

बदलते मौसम - से समाज में 

तूने आत्मविश्वास से जीना सिखाया मां ।

बहकावे आंधी आती रही पर 

तूने कभी साथ न छोड़ा मां ।

दिल तो तेरा भी दुखता है पर

तूने कभी दिखने नहीं दिया मां ।

मंदिर के मूर्ति को गुहार कैसी 

तूने तो हर रूप में मेरे अरमान को सच किया मां ।

कभी बाप कभी भाई कभी बहन बनकर 

तूने हर रिश्तों की भाषा समझाई मां ।

अदऋश्य शक्ति पे गुमान कैसा

तूने तो भक्ति की परिभाषा समझाई है मां ।

कहने को शब्द कम पड़ जाते हैं

क्योंकि हर कण में तू समाई है मां ।

दुनिया का हर ऐश्वर्य‌ कम है 

जब सामने तू खड़ी हो मां ।

मेरे आंखों को नज़ारों को 

तेरी नज़रों की चाहत है मां ।

मेरे शब्दों को गूंजने के लिए

तेरी आवाज़ आवश्यक है मां ।

मेरी मुस्कान को

तेरे होंठों की खिलखिलाहट की जरूरत है मां ।

मुझे जीने के लिए 

तेरी ज़रूरत है मां ।

भीड़ है आसपास मगर 

तुझ बिन मैं अकेली हूं मां ।

मुझे इस दुनिया में निडर चलने के लिए

तेरे साथ की ज़रूरत है मां ‌।

तुझसे मेरा अस्तित्व, तू मेरी दुनिया है मां 

मेरे हर सफ़र में हमसफ़र तू चाहिए मां ।


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