माँ
माँ
माँ तू सबसे प्यारी है तेरी ममता की छांव सबसे निराली है
तू धूप में भी रहकर मुझे अपने आंचल की छांव में सुलाती है
तेरी ममता भरी आंख मुझको याद कर कर रुलाती है
एक मैं हूँ जो रोज न आने का बहाना बनती हूँ।
तुझे क्या बताऊँ तू पल पल मुझे बहुत याद आती है ।
तेरी बूढ़ी सूरत अब एक नन्हीं सी बच्ची जैसी लगाने लगी है।
जैसे मेरे बचपन की वो नन्ही सी गुड़िया जो तूने मुझे लाकर दी थी
मेरी हर जिद तूने पूरी की थी और तेरी एक जिद भी में पूरी नहीं कर पाती हूँ
माँ तू भगवान से भी प्यारी है तू सबसे निराली है क्योंकि तू माँ है ।
