वृक्ष
वृक्ष
मां बाप का पूजन करें हम श्रद्धा के साथ
इसी तरह से पेड़ को सींचे अपने हाथ
वृक्ष धरा के मीत है देते लाभ अपार
सदा सुमंगल ही करें दोस्त जैसा व्यवहार
वृक्ष देते हैं संपदा फल छाया देव वृक्ष
दोनों ही त्यागी बड़े हित करते प्रत्यक्ष
मां समान है वृक्ष भी करें जहर का पान
इस को मन से सींचिए जो चाहे कल्याण
मां तो करती सदा मन का दूर तनाव
वृक्ष जहां पर्यावरण जगते सुंदर भाव
मां जैसे बच्चों को करती है कल्याण
तरुवर भी हर जीव को देते जीवन त्राण
माँ के संग में तरू पर चढ़े अगर जल धार
तो सुधरे पर्यावरण सुखी रहे संसार।
वृक्ष बिना वर्षा नहीं है यह मां के रूप
ठंडी छाया दे रहे सहकर सहकर भीषण धूप
तरुवर में शिवजी बसें कहते वेद पुराण
इसलिए ये पूज्य है सीचे रख यह ध्यान
जैसे बच्चो का भला करते माँ की ममता
उसी तरह से पेड़ भी देते सुख सोपान।
तरू और माँ है दोनों एक समान
दोनों की सेवा करेगे पाएँगे वरदान
वृक्ष हमारे देवता जैसे मां की ममता
तरुवर को तू जल चढ़ा करके शिव का ध्यान।
शिव तरुवर को जल चढ़ा करिए मन से प्यार
यदि चाहते हैं मन से पर्यावरण सुधार।
