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Reetu Singh Rawat

Abstract

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Reetu Singh Rawat

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इंद्रधनुष के सात रंगों का पर्व

इंद्रधनुष के सात रंगों का पर्व

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भारत की संस्कृति में होली आसमान में दिखते इंद्र धनुष के सात रंगों का पावन पर्व एक -दूसरे से मिलन का प्रतीक है भारत की संस्कृति और राजा हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद कहानियों का प्रतीक है रंग हमारे जीवन में ऊर्जा भरते हैं रंग जीवन को रंगीन बनाते हैं रंग जीवन को खुशियों से भर कर जीवन जीना सिखाते हैं रंग इंद्र धनुष की तरह जब पानी में घुल कर होली मनाते हैं तो उस दिन सारी दुनिया एक रंग में घुल कर एक जैसी प्रतीत होती है धर्म की चादर ओढ़ कर सब एक जैसे प्रतीत होते हैं। उस दिन ईश्वर-अल्लाह एक रूप में देखने को मिलते हैं।

होली का पावन पर्व एक-दूसरे के प्रेम-प्रतीक प्यार-मोहब्बत का त्यौहार है भारत की संस्कृति का निराला यह त्यौहार जीवन में फूलों के रंगों सा प्रतीत होता है गंगा-जमुना-सरस्वती जैसा दिखता है मेरा रंग काला-गोरा सब नीला-पीला सा दिखता है आंख और अंधा भी दिल से रंगों में बह जाता है होली का यह त्यौहार जीवन दान दे जाता है होली मस्ती से सबको बच्चा बना देती है गरीब-अमीर भी एक- दूसरे के माथे पर अबीर गुलाल लगा जाते हैं होली बिछड़ो को फिर से मिला जाती है जाति धर्म होली के रंगों में एक रंग में घुल जाते हैं होली जीवन का सार बता जाती हैं हर साल खुशियों का पैगाम पहुँचने आती है फिर भी हम नासमझ बनकर चुप्पी साधे रहते हैं होली के रंगों में घुलकर नई दुनिया बसाते है आओ आज हम सब मिलकर होली के रंगों जैसे पानी में घुल कर एक हो जाते हैं एक चांद और एक सूरज की तरह हो जाते है यह भारत के त्यौहार की खूबसूरती है जिसमें मिलकर सब एक ही जाते हैं। 

आप सबको होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं हैप्पी होली ------



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