धरती माँ गोद
धरती माँ गोद
मेरी प्यारी धरती माँ
आपको प्रणाम करती हूँ ।
सारा समय आपकी गोद में
बैठकर संसार का सुख लेती हूँ।
धरती माँ अपनी गोद में बिठा कर
जीवन के रंग मंच का खेल दिखती हो।
अपनी गोद में चैन की नींद सुलाती हो
सुबह चिड़ियों की चहचहाहट की
लोरी सुना कर नींद से हमें जगाती हो।
प्यार से भोजन हमें करती हो
लाख गलती पर भी ममता से हमें समझती हो।
अच्छा बुरा सब अपने बच्चों को अवगत करती है
जीवन के हर रंग से हमें दुनिया दिखाती हो।
बिना भेद भाव के अपनी गोद में हमें बिठाती हो
हर अच्छे काम से प्रतिष्ठा हमें दिलाती हो।
भोजन वस्त्र ज्ञान बुद्धि सब हमें दिलाती हो
सुख दुख में भी साथ निभाती हो।
फिर भी अपनी पहचान छुपाती हो।
