माँ
माँ
माँ जब पास होती है,
दुनिया कितनी खास होती है,
हर परिस्थिति में भी,
जीने की एक आस होती है।
जब हम डर से सहम जाते हैं,
वह दौड़कर गले लगाती है,
अपनी प्यार भरी बातों से,
हमारा मन बहलाती है।
ममता का आंचल ओढ़े,
हर दुख में साथ निभाती है,
पीड़ा अपने भीतर समेट लेती,
सुख ही सुख बरसाती है।
वो माँ ही तो है जिसके मन में,
हर रिश्तों के लिए अथाह प्रेम होता है,
अपने क्या पराए क्या,
ऐसे शब्दों से माँ अनजान होती है।
माँ को सताना ही,
इंसान की सबसे बड़ी भूल है,
माँ की चरणों की मिट्टी तो,
जन्नत की धूल है।