माँ तुम्हारे बिना
माँ तुम्हारे बिना
कितना मुश्किल है जीना,
माँ तुम्हारे बिना।
कितना कुछ था कहना,
कितना कुछ था सुनना,
कितना कुछ था पूछना,
कितना कुछ था बताना,
कितने पल थे तुम्हारे संग गुजारना I
कितनी रातें थी तुम्हारे आँचल में सोना।
तुम्हारा मेरा चेहरा सहलाना,
मेरी हर उदासी में मीलों दूर से ,
महसूस कर तुम्हारा फोन करना,
बिन बोले हर फरमाइशें पूरी करना।
पर एक दिन अचानक तुम्हारा,
चिर निंद्रा में सो जाना,
जीवन की राह में तुम्हारी,
ममता का साया छिन जाना।
सच माँ बहुत मुश्किल है जीना।
माँ तुम्हारे बिना॥
माँ तुम्हारे बिना॥
