माँ की ममता का क्या मोल
माँ की ममता का क्या मोल
माँ की ममता का कैसे
मोल चुकाया जाए,
क्यूँ ना माँ पर अपना
प्यार बरसाया जाए :
बोलकर देखें आज
माँ तू ही है मेरा संसार,
तू जो उदास तो मैं नाखुश
तू जो हँसे तो आ जाए बहार:
तेरे ऋण की कैसे हो भरपाई
गगन से ज़्यादा ऊंची ऊंचाई,
तू ही है मेरे अस्तित्व में समाई
कहते तुझसे हम बहन भाई :
माॅ॑, में हूं तेरा दर्पण
तुझे मेरा जीवन अर्पण !