मां की गोद
मां की गोद
याद ना दिन भर तेरी आती
नानी मौसी खूब खिलाती
पर जब भी मुझे नींद सताती
मां तेरी ही गोद सुहाती
दिनभर करती हूं उत्पात
नहीं मैं सुनती किसी की बात
पर जब रात में निंदिया आती
मां तेरी ही गोद सुहाती
मुझे सुलाने को बाकी सब
करते रहते खूब प्रयास
पर मुझे कहीं भी चैन ना आता
वह आता बस मां के पास।