Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Chandeshwar Mishra

Classics

5.0  

Chandeshwar Mishra

Classics

एक नारी

एक नारी

1 min
805



तुमसे मिलने को शायद मैं 

बेमतलब ही लालायित थी 

राघव! मैं अवधपुरी से तो 

लंका में अधिक सुरक्षित थी !! 


माना वो राक्षस कुल से था 

व्यभिचारी था बलकारी था 

माना उसका आतंक यहां 

संपूर्ण सृष्टि पर भारी था !! 

फिर भी राघव उसकी करनी 

तुमसे ज्यादा मर्यादित थी !! 


राघव! मैं अवधपुरी से तो 

लंका में अधिक सुरक्षित थी !! 


बोलो रघुकुल का धर्म यहां 

तुमने किस घड़ी निभाया था 

धोबी के तरकश में रखकर 

तुमने ही तीर चलाया था 

ये अवधपुरी की जनता तो 

सचमुच बेहद अनुशासित थी !!


राघव! मैं अवधपुरी से तो 

लंका में अधिक सुरक्षित थी !! 


राघव तुम भी भटके रस्ता 

तुम तो घट घट के वासी थे 

तुम राजा बनने से पहले 

अच्छे थे जब वनवासी थे !! 

क्या राजधर्म की सीमा भी 

अफ़वाहों तक निर्धारित थी ? 


राघव! मैं अवधपुरी से तो 

लंका में अधिक सुरक्षित थी !! 


होगे अंतर्यामी राघव 

पर मुझको कब पहचान सके 

जग की पीड़ा हरने वाले 

मेरी पीड़ा कब जान सके ? 

उसको निर्वासित क्या करना 

जो वर्षों से निर्वासित थी !!


राघव! मैं अवधपुरी से तो 

लंका में अधिक सुरक्षित थी !! 



Rate this content
Log in

More hindi poem from Chandeshwar Mishra

Similar hindi poem from Classics