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Nirupa Kumari

Classics

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Nirupa Kumari

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मां, हर बच्चे की पहली जरूरत

मां, हर बच्चे की पहली जरूरत

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मां है ममता की मूरत,

मां हर बच्चे की पहली जरुरत

 मां से हूं मैं,मेरे दिल की हर धड़कन,

मां तुझको मेरा सर्वस्व अर्पण


तेरा प्यार पाने वाला हर

शख्स बड़ा नसीबों वाला है

खुदा का चेहरा होता कैसा है

देख के तुझको जाना है


तुम साथ होती हो तो दुनिया

मुझे अच्छी लगती है

सब झूठे हैं यहां,

बस एक तू ही मुझे सच्ची लगती है


मैं जानती हूं,तेरा प्यार किसी भी

बात का मोहताज नहीं

तू समझेगी मुझे हमेशा,

सुनेगी कभी दुनियां की बात नहीं


तू मुझमें रहेगी सदा मेरी हिम्मत बन के,

दुनियां की धूप जब जलाएगी मुझे,

तू देगी ममता की छांव, आंचल बन के


मां तुम्हीं से शुरू,

तुम्हारे ही संग मेरी जिंदगानी है

तुमसे है मुझे प्यार कितना,

बस ये बात तुमको बतानी है।


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