लुटी-लुटी सी ज़िन्दगी
लुटी-लुटी सी ज़िन्दगी
लुटी - लुटी सी ज़िन्दगी,
लुटे - लुटे से हम,
सब कुछ लुटा दिया,
तेरे इश्क में सनम।
पता है बदनामी होगी,
हो जाने दे मेरे यार,
जो सीखा कभी तुझे से,
आज उसी को किया दागदार।
देखती है दुनिया अब,
मुझे भी वहीं नज़र,
हाँ मुझे पता है अब,
मेरे नाम की फैली है खबर।
लुटी - लुटी सी ज़िन्दगी,
लुटने दिया हमने हर शहर,
देख तेरे इश्क में कैसे,
हम जागे हर पहर।।