STORYMIRROR

Dr Lal Thadani

Tragedy

4  

Dr Lal Thadani

Tragedy

लता अज़र अमर है/डॉ लाल थदानी

लता अज़र अमर है/डॉ लाल थदानी

1 min
369

ये ये कैसा मौसम ले आया तू बसंत 

हमारी कोकिल कंठ लीन हुई अनंत 


सबके सांसों की सांस में रची बसी सब कहन

लता मंगेशकर का हुआ दुखद निधन 


दादा फालके से पुरुस्कृत है भारत रत्न 

राष्ट्रीय सम्मान से गौरवान्वित हमारी लता बहिन


आंखों में हैं आसूं गीत लता के लबों पर  

अज़र अमर है स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर 


जिसके गीतों से जग सारा रहेगा सदा रोशन 

सजदे लता के नाम से हमारा अहले वतन


ये सारा वतन करे अर्पित श्रद्धा सुमन

ज़िंदा हैं हम तुझसे "लता" शत शत नमन।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy