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Sarvesh Saxena

Romance

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Sarvesh Saxena

Romance

लॉकडाउन

लॉकडाउन

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पहले तो ये गली मोहल्ले ही

साजिशें करते थे

अपनी मोहब्बत पे


लेकिन अब तो

इस चाइना को भी

हमारी मोहब्बत

रास नहीं आई


मैं घंटों खड़ा रहता हूं

अपनी बालकनी में

तुम्हारे दीदार के लिए

कुछ घड़ियों के लिए ही सही

आ जाया करो


अरे हम तो पहले से ही

तुम्हारी नजरों में लॉक डाउन थे

लेकिन तुम नजरों के सामने रहो

तो हम अपनी जिंदगी ही

लॉक डाउन कर दें


माना कि कुछ दूर

जरूरी है रहना

पर दूर से ही सही

मुस्करा दिया करो


कुछ घड़ियों के लिए ही सही

बालकनी में आ जाया करो

यूँ तो माहौल जहरीला है

इस कदर पर अब हवाएं

पहले से ज्यादा खुशनुमा हैं

कल फिर आऊँगा मैं तुम्हारे लिए

आ जाना ये लॉक डाउन का बहाना

अच्छा नहीं।


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