पापा की गुड़िया
पापा की गुड़िया
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मैं पापा की बिटिया रानी,
बातें करती बड़ी सयानी,
थककर पापा जब घर आंए,
दौड़ के देती उनको पानी…
पापा मेरे प्यारे प्यारे,
जैसे चंदा है संग तारे,
टॉफी बिस्किट संग लाते हैं,
और खिलौने प्यारे-प्यारे…
मैं पापा की नन्ही गुड़िया,
नन्हें-नन्हें मेरे काम,
खाना-पीना बर्तन झाड़ू,
एक पल ना करती आराम…
थक कर जब मैं सोने जाती,
बिना कहानी नींद ना आती,
परियों वाली एक कहानी,
सुनते सुनते मैं सो जाती…
पापा कहते एक दिन जब मैं,
पढ़ लिख बड़ी हो जाऊंगी,
अपनी मेहनत और लगन से,
जग में नाम कमाउँगी…