Sarvesh Saxena

Inspirational

4  

Sarvesh Saxena

Inspirational

मतदान

मतदान

1 min
297


यह देश हित की बात है,

अब जाग घर से तू निकल, 

फिर से सजग होकर जरा, 

तू सोच फिर ना आए कल,

जो देश हित की राह पर,

चलता उसी के साथ चल, 


मतदान कर… मतदान कर… 

बढ़-चढ़के तू, मतदान कर…

मतदान कर… मतदान कर…

बढ़-चढ़के तू, मतदान कर…


चल राष्ट्र का निर्माण कर,

और देश का कल्याण कर,

ना जी किसी की आस पर,

सरकार है तेरी चाह पर,

लालच नहीं लफड़ा नहीं,

मत दे तो बस विकास पर,


मतदान कर… मतदान कर… 

बढ़-चढ़के तू, मतदान कर…

जन-जन से कहना है यही,

रहना नहीं तुम आज घर,


मतदान कर… मतदान कर… 

बढ़-चढ़के तू, मतदान कर…

मतदान कर… मतदान कर…

बढ़-चढ़के तू, मतदान कर…



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational