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Antariksha Saha

Tragedy

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Antariksha Saha

Tragedy

लिखूं तोह क्या लिखूं

लिखूं तोह क्या लिखूं

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लिखूं तो क्या लिखूं

सब कुछ तो तुम जानते हो

ज़िन्दगी के इस छोर में

सब बेगाने कभी अपने ही तो थे।

चोट परायों ने नहीं

अपनो ने दी

अब और क्या लिखूं मैं

सब कुछ तोह तुम जानते हो।


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