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Vivek Agarwal

Romance Tragedy

4.9  

Vivek Agarwal

Romance Tragedy

लहजा

लहजा

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मतलब निकल गया तो, लहजा बदल गया।

चलो इस बहाने हमें दिख, चेहरा असल गया।


कल की बात है वो, दर आये थे मुस्कुराते।

देख कर भोली सूरत दिल, अपना मचल गया।


ऐसा नहीं हमें ना था, तग़ाफ़ुल का अंदेशा।

कुछ ऐसे वो बोले कि, जादू सा चल गया।


कतराते हैं वो ऐसे की मेरा, साया तक ना दिखे।

जिनकी फ़रमाइश पे, कुर्बां मेरा कल गया।


उसके लबों पे है हँसीं, पा के मेरी नियामत।

अपने लबों पे बस रह, एक ग़ज़ल गया।




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