लगता है उन्हें खुद पे गुमा...
लगता है उन्हें खुद पे गुमा...
लगता है उन्हें खुद पे गुमान हो गया है
दिल उनका अहं का मकान हो गया है
मुस्कराता था कभी जो मुझे देखकर
आज मुझे देखकर हैरान हो गया है
देखकर दूसरों को बढ़ता खुद से आगे
आदमी न जाने क्यों परेशान हो गया है
रहता था जो कभी होके शांत सा समंदर
आज गमगीन और लहूलुहान हो गया है
खुद में ही रहता खोया अक्सर ये आजकल
लगता है दिल में कोई घमासान हो गया है
है कौन सी वजह और कौन सा फ़साना
अपना ही आज मुझ से अंजान हो गया है।