एक तेरी जरूरत है मुझ को..
एक तेरी जरूरत है मुझ को..
एक तेरी ज़रूरत है मुझ को
यूँ दे न सजा अब मुझ को
एक तुझपे ही तो मिटा हूँ
इतना भी मिटा न मुझ को
एक अरसा गुजारा है हमने
देखने के बहाने से तुझ को
तुम समझते नहीं क्यों मुझे
एक तेरी ज़रूरत है मुझ को
वक्त ये भी गुजर जाएगा
याद करते हुए एक तुझ को
लौट आओ निलय आज मेरे
ये हृदय चाहता है तुझ को

