ले तेरे पास मैं आ गया
ले तेरे पास मैं आ गया
माँ तेरी इबादत में
मैं छिन्न भिन्न होकर बिखर गया
मुझे लगाले अपने सीने से,
ले तेरे पास में आ गया।
माटी का ऋण चुकाते-चुकाते
मेरा अस्तित्व ही मिट गया,
बस पनाह दे दे तेरी गोद में
ले तेरे पास माँ आ गया।
माथे को चूम के मेरी
जख्मों को सहलाती थोड़ा
पर शरीर के तो चिथड़े उड़ गये
(बस) अब आत्मा तेरी शरण में माँ।
मुझे लगा ले अपने सीने से
ले तेरे पास में आ गया।
वतन के लिये हम मर मिटे
इससे बड़ी क्या बात है।
पर न जाने क्यों सीने में
बाएं तरफ एक दर्द है।
तेरी गोद में बड़ा सुकून है
ना दर्द ना तो पीड़ा है,
उस दर्द का मैं क्या करूँ
जो छोड़ आया उस पार में।
जिस अर्थी को मैं कन्धा देता,
आज मेरी अर्थी उठाए वो।
मेरी खरोच से घबराती मेरी माँ,
टुकडों में मुझे समेटे जो
उस राखी को मैं क्या कहूँ,
किसके भरोसे छोड़ा हूँ।
मेरे बच्चे मुझे माफ कर,
तेरे खिलौने तक ना ला पाया
ओह बड़ा दर्द है माँ
थोड़ा लगा ले अपने सीने से।
>अब तेरे पास में आ गया
मेरे हाथ पकड़ के जो,
छोड़ आयी सारी दुनिया
सिसक-सिसक कर पूछ रही हैं,
ऐसे वादा कैसे तोड़ दिया।
मेरी जगह ले कर उसने,
देखो सबको कैसे सम्भाल लिया
पर उसकी चेहरे से मिट गयी जो लाली,
मुझसे देखा नहीं जा रहा।
हे भारत माँ,
मुझे लगाले अपने सीने से
ले तेरे पास में आ गया।
मैंने उनको भी देखा
मेरे लिए घड़ियाली आँसू बहाते
झूठे वादे, झूठी कसमें,
गन्दी राजनीति करते।
कम से कम मेरे खून को
ऐसे गाली तो ना देते
किसी ने तो ये तक कहा,
ये शहादत भी है झूठी।
दूसरी ओर
मेरे प्यारे देशवासियों ने
जब मेरे नाम पे गर्व किया
मेरे भाइयों को मेरा सलाम,
40 के बदले 100 दिया।
तब जाके कहीं जलती रूह को,
मेरी थोड़ा सुकुन आया
हर जन्म ये मौका देना भारत माँ,
एक जन्म मेरा कम पड़ गया।
तेरी गोदी में अब थोड़ी पनाह दे दे,
तेरा बेटा लड़ते-लड़ते थक गया
प्यार से अब लगा ले गले
ले तेरे पास में आ गया,
ले तेरे पास मे आ गया।।