ले जा
ले जा
सुन ए खुशबू
या रौशनी
या तू ओ झोंके हवा के
दूर कहीं मुझको
ले जा उड़ा के
देख न पाए जहां
कोई नज़रे गड़ा के
दूर कहीं मुझको
ले जा उड़ा के।
ऐसी जगह
जहाँ चारों तरफ बस फूल हो
ना हो सोचों में गर्द
न विचारो में धूल हो
ऐसी राहे
जहां हर कोई अमूल्य हो
कोई किसी की
आंख का न शूल हो।
हर कोई रखे
सबको अपना बना के
दूर कहीं मुझको
ले जा उड़ा के।
अमन वाली हवा
सादगी वाला घर हो
मीठी बातो की बारिश वाला
वो अनजान सफर हो
देखें जिधर नज़रें उठा
फैली मुस्कान उधर हो।
सौ चांदी की रौशनी रखती हो
जिस जगह को सजा के
ऐसी जगह मुझे ले जा उड़ा के।
सुन ए खुशबू
या रोशनी
या तू ओ झोंके हवा के।