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ADITYA MISHRA

Tragedy

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ADITYA MISHRA

Tragedy

लालबत्ती की चाहत

लालबत्ती की चाहत

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हर शौक हर चाहत को छोड़ कर

अपनी पूरी ताकत झोंक देता है,

अपने गाङी पर लाल बत्ती देखने के खातिर

वो अपनी खुशियों से समझौता कर लेता है।


कमरे में खुद को बंद करके,

दीवारों से दोस्ती कर लेता है,

अपने मां बाप को लालबत्ती में घुमाने की खातिर,

वो खुद को खुद से ही दूर कर लेता है।


आसान नहीं है आई.एस-आईपीएस बन के

उस लालबत्ती को अपनी गाड़ी पर सजाना,

पूरा करने इस एक सपने को

हजारों सपनों की कुर्बानी देनी पड़ती है।


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