क्यों???
क्यों???
यह तस्वीर
तुम्हें याद है न!
नीलाभ झील के
इसपार
मैं और तुम
भविष्य के नजाने
कितने सपने बुनते
फूलों की सोंधी खुशबू
ठंडी बयारे की झोके
आंखों को सुकुन पहुंचाती
हरे- भरे वृक्ष
जैसे नीलाभ आकाश में
उमड़ते श्वेत बादल
हमारे प्यार की स्वीकृति
दे रहा हो
खुश रहो तुम दोनों सदा
मगर .......
वर्षो बाद इन कुर्सियों की
रिक्तता
जैसे दिल के एक कोने में
आज भी एक दर्द का
आभास करा जाता हैं
क्यों???