क्या यही प्यार है
क्या यही प्यार है
समंदर किनारे नया जोड़ा
हाथ में हाथ लिए
साथ साथ चलता
और गुटर गुं गुटर गुं करता
जैसे छज्जे पर बैठा कबूतरों का जोड़ा
दीन दुनिया से बेखबर।
सुनैना उन्हें देख बोली देखो ये प्यार है
और एक तुम
कितने नीरस, निष्ठुर
कभी प्यार जतलाते नहीं
न हाथ थामते हो
हाथ तो दूर,
ऊँगली पकड़ते भी शर्माते हो
और एक मैं हूँ जो जान देती हूँ।
सौ सौ व्रत कर ईश्वर से
अपनी नहीं तुम्हारी
लम्बी उम्र का वरदान लेती हूँ
कहाँ मिलेगी ऐसी सावित्री बोलो
कभी तो प्रेम को शब्दों में भी तोलो
क्या यही प्यार है ?
फिर उसने मेरी तरफ देखा
वही नज़र जो पहली बार टकराई थी
जब पहली चाय पिलाई थी
बेसुध सेज पर सोती नयी दुल्हन
सुबह उठ झटपट बेतरतीब साड़ी बांधती
उसको नज़र भर देखते देखते
सुबह हो गयी थी।
मगर कहता क्या
वो जो अब मेरी हो गयी थी
जिसके ख्वाब देखे थे
वो मेरे इतने करीब थी
बेखबर अपने यौवन,
अल्हड़पन से
और मेरे गहरायी तक पैठे इश्क़ से
उसकी तस्वीर कपड़ों के नीचे रखी है
जो रोज़ सुबह मुझे विदा करती है।
कहती है ध्यान से जाना
मेरे नाम की कढ़ाई कर जो रूमाल दिया था
और चाय पीते पीते उसी से गाल पोंछ लिया था
उसकी लाली अब भी शर्माती है सफ़ेद रूमाल पर
वो आसमानी साड़ी जिसका रेशमी सिरा अक्सर
बात करते करते घुमाती हो।
वो पूरा किनारी बाजार छान कर लाया था
और डर डर कर अम्मा को बताया था
कि रास्ते में दिख गयी और ले ली
अम्मा एक नज़र में भांप गयीं
कि किसके लिए है।
हर बार चाय की प्याली में जो एक घूँट छोड़ देती हो
वो एक घूँट चाय मुझे कितनी भाती है
तुम्हें क्या पता
बिस्कुट नमकीन खाती हो
चेहरे पर रोज़ गुलाब जल लगाती हो
उस रूई के फाहे की खुशबू
कितना लुभाती है
तुम्हे क्या पता।
परांठे गोल नहीं तिकोने बनाती हो
लाल मिर्च का तड़का कुछ तीखा लगाती हो
बिस्कुट चाय में डुबो के खाती हो
चोरी से रसोई में इमली चबाती हो
जब घर की याद आती है तो
बिस्तर पर अपनी पुरानी चादर बिछा
चुपचाप सो जाती हो।
सर दर्द के बहाने आंसू छुपाती हो
और फिर बाबूजी को फ़ोन लगाती हो
और झूठा गुस्सा दिखाती हो
कि इतनी जल्दी क्या थी ब्याहने की
फिर तिरछी नज़र से मेरी ओर देखती हो
और कह देती हो।
सब लोग बहुत अच्छे हैं यहाँ
सहेली से फ़ोन पर कहती हो
कि ठीक ही हूँ मैं, थोड़ा नीरस हूँ ज़रूर
और कहते कहते चेहरे पर लाल रंग उभर आता है
तुम्हारी आँखों की चमक कह देती है मुझसे
कि बहुत प्यार है तुम्हें।
कहती नहीं, मगर चाहती हो बेहद
क्या मुझे नहीं पता ?
हाँ यही प्यार है,
बस यही प्यार है
तुम मैं ओर हमारा अनकहा प्यार।