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Bushra Wasim

Romance Tragedy

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Bushra Wasim

Romance Tragedy

क्या तुमने सही कहा गलत हूं मैं

क्या तुमने सही कहा गलत हूं मैं

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सुनो तुम कहते होना मुझसे मैं गलत हूं।

हां सही कहा तुमने मैं गलत हूं।

क्यों की मैं तुम्हें खुद से पहले जो रखती हूं हमेशा ।

हां सही कहा मैं गलत हूं क्यों की टूट कर चाहती हूं मैं तुम्हें।

तुम्हारे गम तुम्हारे आंसू तुम्हारी हँसी तुम्हारी खुशी

बाँटने के लिए तुम्हारे साथ हमेशा रहूंगी।

अगर में ये सोचती हूं तो क्या गलत हूं मैं।

तुम्हारी आदत तुम्हारी हर चाहत तुम्हारा गुस्सा

तुम्हारी मासूमियत जानने को तुम्हारे साथ में चलूंगी हमेशा ।

अगर में ये सोचती हूं तो क्या गलत हूं मैं।

तुम्हारे चेहरे की चमक तुम्हारी जवानी हाथों की सिलवटें

उम्र की रवानी तेरे साथ बहती रहूंगी हमेशा ।

अगर मैं ये सोचती हूं तो क्या गलत हूं में ।

हां सही कहां तुमने गलत ही हूं में 


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