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Praveen Gola

Romance

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Praveen Gola

Romance

क्या तुम मेरे मरने पर

क्या तुम मेरे मरने पर

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कभी - कभी मैं सोचती हूँ कि,

तुम कब तक मेरा साथ निभाओगे ?

ये ज़िस्म अब थकने लगा है,

क्या तुम मेरे मरने पर आँसूं बहाओगे ?


यूँ तो अक्सर हम दोनो के बीच होती तकरार,

हर बार तुम्हारी जीत और होती मेरी हार,

इस ज़िस्म के गिरने पर क्या तुम और इठलाओगे,

क्या तुम मेरे मरने पर आँसूं बहाओगे ?


मैने अर्धांगनी बन जीवन भर तुम्हारा साथ निभाया,

तुमने हर बार मुझे अपने कटाक्षों से और दबाया,

मेरे इस ज़िस्म पर अब और कितने दाग लगाओगे ?

क्या तुम मेरे मरने पर आँसूं बहाओगे ?


मुझे लगता है जैसे उम्र भर मैं तुमसे दबती रही,

अपनी ख्वाईशों का दमन कर तुम्हारे आगे झुकती रही,

तुम तब भी मुझ पर नाफ़रमानी का इलज़ाम लगाओगे,

क्या तुम मेरे मरने पर आँसूं बहाओगे ?


एक प्यार कहीं ना कहीं मेरे दिल में अधूरा रह गया,

जो कह ना सकी मैं वो आँसुओं में बह गया,

उस प्यार को याद कर तुम कभी तो मुस्कुराओगे,

क्या तुम मेरे मरने पर आँसूं बहाओगे ?


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