क्या करूँ तेरा बखान
क्या करूँ तेरा बखान
मेरे देश की नेता महान
नेताजी, क्या करूँ तेरा बखान
सारे गुणों का तू है खान
नेताजी क्या करूँ तेरा बखान
इलेकसन जब नज़दीक आवे
तोर गुणों की तर्ज़ दिख जावे
हाथ मिला कभी हाथ जोड़ा
कभी पैर छूआ बलवान
नेताजी क्या करूँ तेरा बखान।।
गली गली में भीड़ उमड़ता
जीत हार का सार निचोड़ता
हार गये तो कुसूर हमारा
जीत गये तो तुम्ही महान
नेताजी क्या करूँ तेरा बखान ।।
संसद गये हो गये सांसद
पक्ष विपक्ष न कोई भेद
ज्यादा जितना जो चिल्ला सकता
वो उतना
ही बलवान
नेताजी क्या करूँ तेरा बखान।।
हाथ हाथी लालटेन कमल का
खेल झाड़ू से धनुष तक का
भगुये हरे में रखे लपेट कर
उलझा देश तमाम
नेताजी क्या करूँ तेरा बखान।।
साम्प्रदायिकता की आग जला के
मुफ्त का चावल रहो खिलाते
कभी पत्थर कभी गोले दाग कर
चलाते अपनी दुकान
नेताजी क्या करूँ तेरा बखान।।
पूछो अपनी ज़मीर से एक बार
करते हो क्या जो कहते बार बार
शपथ के वक्त जो कसम खाई थी
कब करोगे उसका सम्मान
नेताजी क्या करूँ तेरा बखान।।