क्या करे
क्या करे
भूल गए हैं तेरी बातों को अब उन यादों का क्या करे,
रास्ते अब बदल गए हैं अब इन मुलाकातों का क्या करे।
जनम जनम की सदियों में भी नहीं मिलना तेरा मेरा,
फिर कुछ बचा ही नहीं अब इन रोकर हालातों का क्या करे।
तुम्हारे बिना अब ये सफर अधूरा सा ही रह गया,
कांटों भरी राहों पर चलकर अब इन सौगातों का क्या करे।
जश्न का खूबसूरत रिश्ता एक अदाएं लिए हुए,
मुहब्बत ही नहीं रही तो अब इन बारातों का क्या करे।
उम्र के हर पड़ाव पर भी ये दीवानगी कम नहीं हुई,
बातों में भरोसा ही नहीं अब इन रिश्ते नातों का क्या करे।
दर्द देते रहेंगे ये जख्म बनकर हमेशा मेरे दिल में,
जब सनम ही नहीं मेरे साथ अब इन जज्बातों का क्या करे।
सुकून तो मिला नहीं मुझे इश्क में एक पल का भी,
अगर खुश हूँ भी तो इस सफर में अब इन राहतों का क्या करे।
मिलते थे हम तुम हर बार एक नए हसरतें लिए हुए,
अश्रु की बारिश बरसती रही अब इन बरसातों का क्या करे।