क्या कहोगे तुम इसे
क्या कहोगे तुम इसे


तुम दीप जलाते हो,
मैं रौशनी देता हूँ।
तुम दिल जलाते हो,
मैं खुद जलता हूँ।
तुम प्यार करते हो,
हम प्यार निभाते है।
तुम खूबसूरती देखते हो।
मैं गुण तलाशता हूँ।
तुम्हें अमीरी भाती है।
मुझे इंसानियत आती है।
तुम दिखावा करते हो।
हम हकीक़त देखते है।।
कहाँ जाएं कहाँ नही जाएं,
समझ नहीं आता।
पर में जहां जाता हूँ
छाप छोड़कर आता हूँ।
तुझे प्यार मुझसे हो गया।
पर प्यार किया नहीं
जाता हो जाता है।
दिल दिया नहीं जाता
चला जाता है।
हम इसी ओर बढ़ रहे है,
पर जमाने से डर रहे है।
की क्या कहेंगे लोग हमें।
पर दिल से कहे तो प्यार,
हम भी करने लगे है।।