कविता
कविता
कुछ पल ऐसे भी होते हैं
गुजरे पल याद दिलाते हैं
खुशियों की कलियां जीवन में
ताउम्र महकाते हैं
कुछ पल चांद सितारों तले
मुस्कराने की याद दिलाते हैं
मस्त पवन के झोखों से
लहराने की याद दिलाते हैं
वो पल जो जल्दी बीत गए
वो रेत के जैसे टीले थे
मन को सुख का आभास कराकर
बस मीठी यादें छोड़ गए
हर पल को खुश हो कर जीना
यह वक्त की घड़ियां कहती हैं
न जाने किस मोड़ पर
वो पल ही पल बन खो जाए
कुछ पल को यह सब भुला दो
क्या पाया था क्या खोया था
जब साथ नहीं कुछ लाए थे
फिर पल को क्यों पल में खोएं।