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Amar Adwiteey

Drama

3  

Amar Adwiteey

Drama

कुत्तों से तो पूछ लेते !

कुत्तों से तो पूछ लेते !

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सर्वप्रथम देश के कुत्तों को सलाम करता हूँ

बिना इजाजत जिनकी बात सरेआम करता हूँ


आप की अनुमति से मैं भी भौंक देता हूँ

उबली हुई दाल को झटपट छौंक देता हूँ


इंसान और कुत्तों में माना असमानता है

किन्तु कई पहलू में काफी समानता है


कई मायने में एक दूसरे के पूरक हैं

कहने को इंसान से ज्यादा मूर्ख हैं


आदमी की पहचान मूँछ से होती है

तो कुत्तों की उनकी पूँछ से होती है


नीचे तो कभी ऊपर, मूँछों पे ताव होता है

उनकी तो पूँछ में ही मन का भाव होता है


कुत्ता बिना भौंके अगली गली नहीं जा सकता

वैसे वह अपनी गली में शेर होता है


इंसान की तो अपनी गली में नहीं बनता

हरेक अपने आप में शमशेर होता है


कुत्ता कभी पागल हो जाता है

पागल इंसान भी हो जाता है


कुत्ता पागल होकर काट जाता है

इंसान ठीक होता है तब काटता है


उसके इंजेक्शन मुश्किल से मिलते हैं

इसके इंजेक्शन अभी कब बनते हैं


इंसानों की पंचायत बारहमास होती है

मुद्दों पर पंचायत उनकी खास होती है


पिछली पंचायत का एक सर्कुलर जारी हुआ है

हिंदी, इंग्लिश के साथ वरनेकुलर जारी हुआ है


इंसान ने पहले टेलीफोन के खंभे हटाए

अब बिजली के भी उखाड़े जा रहे हैं


अरे, वो खंभे भले ही हटायें

पर ये बताएं, हम कहाँ जाएं


शर्त ये कि या तो इंसान

नकल कर हमारी मजाक न बनाएं


या सार्वजनिक स्थानों पर

हमारे भी टॉयलेट बनवाएं


बड़ी असुविधा होती है

कोई देख ले तो दुविधा होती है .....


एक कुत्ता इमोशनल होकर बोला

बिना खंभे के टाँग मेरी उठती नहीं , क्या करें


पेड़ काटे सभी डाल दिखती नहीं, क्या करें

पूँछ उठा के डोला, फिर, एक और बोला


जब कोई व्यक्ति

विद ऑर विद आउट वर्दी

रिश्वत खाता है


इंसान आधी रोटी देने से जी चुराता है

फिर क्यों हमारा नाम लिया जाता है


हालांकि ये उनका निजी मामला है

पर जब कोई बलात्कार होता है


उनकी तुलना हमसे की जाती है

हम पे इमोशनल अत्याचार होता है


हमारे अपने कर्म हैं,

उनके अपने कर्म हैं

हमारी भले ही न सही, उनके ही कहाँ शर्म है

और तो और, जब मर जाए कोई बे-मौत


घटना, दुर्घटना या गलघोंटन से

खुद तो, ये अधमरे इंसान को सड़क पर छोड़ देते हैं


और ऐसी मौत को हम से जोड़ देते हैं

अरे इंसानो ! मरो इंसानी मौत !


तुम क्या जानो, कुत्ते की मौत !!

जब इंडिया झेल रहा था लास्ट बिग बॉस

कुत्तों ने कर डाली है एक पी आई ऐल


उसके पहले कि ये इंसान एडजस्ट कर जाएं,

हालांकि, अपनी वफादारी पर हमें शक नहीं मगर


कुछ खास आदतेँ तो अपनी,

पेटेन्ट कर जाएं ...


हमारी पूँछें जो टेढ़ी होती है

उसका बड़ा उलाहना मिलता है


अपनी टेढ़ी समझ तो बदल नहीं पाते

तभी तो बारहसाला कुंभ लगता है


अरे, देखकर रोटी, हमारी लार ही तो टपकती है

ये तो पेटी के लिए, किसी को टपका देते हैं


इंसान को भगवान ने अकल देकर भेजा

फिर क्यों हमारी नकल करते हैं


नकल यदि हमारी वफादारी की करी होती

तो इंसानियत का ही भला होता


और हमारी मार्केट वैल्यू भी बढ़ी होती !

कुत्ते को कुत्ता कहता है


खुद इंसान बन के कब रहता है

कुछ तो पूर्णतया हमारी राह चलने लगे हैं


अब इंसान भी सीजनल लव करने लगे हैं

जिससे हमारी साख घटी है


अरे अब इंसानों में भी कई

लिव इन रिलेशन रखने की होड़ मची है


देखो, करो न आनाकानी

लो वकील कोई तूफानी


है काम बड़ा अर्जेंट

ना चला जाइ पेटेन्ट


अब इस पंचायत को विराम देते हैं

पर मशवरा तुम्हें सरेआम देते हैं


एक आदत हमारी चुरा ली है चुपके से

रोटी चुरा के जो छिपा देता हूँ चुपके से


जब गलत तरीकों से कमा लेता है अधिक

तो गाड़ आता है कहीं दूर चुपके से


अर्ज है सभी कुत्ते मेहरबानों को

बताना मत ये राज कभी इंसानों को


जहाँ गाड़ आया वहाँ जा नहीं पाया

छिपी हुई रोटी कभी खा नहीं पाया


ये कुत्तों की सभा का सीधा प्रसारण था

तय करो साधारण या असाधारण था


मानव पीर नरायण देखे

पर तू मत ही अपमान कर


क्यों कुत्तों के पीछे पड़ा है

मानवता का सम्मान कर


बात-बात पर तुम, जो कुत्ता कह देते

यार, कभी कुत्तों से तो पूछ लेते ! !


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