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Bhoop Singh Bharti

Abstract

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Bhoop Singh Bharti

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कुण्डलिया : "खुद पर रहे यकीन"

कुण्डलिया : "खुद पर रहे यकीन"

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लेना आपत काल में, इक दूजे का साथ।

खुदा भरोसे ना रहे, देख जोड़ कर हाथ।

देख जोड़कर हाथ, वक्त को नहीं गवाना।

खुद पर रहे यकीन, श्रम से स्वेद बहाना।

बनकर खुद पतवार, नाव को अपनी खेना।

बन जाए फिर बात, साथ आपस का लेना।


     



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